अब तो उत्तराखंड़ की राजधानी देहरादून मे हद ही हो गई है। कभी ये देहरादून शांत वादियों ओर खुश मिजाज लोगो की वजह से मौसम की वजह से जाना जाता था , पर अब जाना जाता है तो सिर्फ बदनामी की वजह से ओर देहरादून के नाम को बदनाम करने का काम जब वो लोग करे जिन्हें टीचर बोला जाता हो तो बात ओर गम्भीर हो जाती है आपको बता दे कि अब तक बिहार -यूपी से तो ये खबरे मिलती ही थी पर अब देहरादून मे भी NIVH संस्थान की छात्राओं को छेड़ते हैं टीचर, कर रहे हैं गंदे कमेंट ओर ये आरोप हम नही लगा रहे है बल्कि वह की नेत्रहीन छात्राओं ने एक टीचर पर लगाया है ।
आपको बता दे कि अभी हाल ही मे बिहार के मुजफ्फरपुर कांड से लेकर यूपी के बाल गृह का मामला शांत होने का नाम भी नही ले रहा है ।और इस समय देहरादून से भी एक ऐसा ही मामला बीते दिनों से सोशल मीडिया मे खूब उछल रहा है । आपको बता दे कि राजधानी के राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (NIVH) के छात्र-छात्राओं ने शिक्षा संस्थान के टीचर और मैनेजमेंट पर बड़े बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। इन छात्राओं का आरोप है कि उनके अध्यापक क्लासरूम में उन्हें छेड़ते हैं और उनसे गंदी गंदी बातें करते हैं। बीते रोज जानकारी अनुसार लगभग 100 छात्रों ने संस्थान की डायरेक्टर अनुराधा डालमिया से मुलाकात कर आपबीती सुनाई। आपको ये भी बता दे कि देहरादून का ये राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान इससे पहले भी बदनाम हो चुका है ।यहा का एक टीचर छात्र के यौन शोषण मामले में जेल में बंद है। ओर अब एक बार फिर यहा की छात्रों का आरोप है कि मैनेजमेंट इस पूरे मामले में उस शिक्षक को बचाने की कोशिश कर रहा है जो हमसे गंदी बाते करते है बैड टच करते है ।
जब इस ख़बर की जानकारी लेने कुछ मीडिया वाले सस्थान तक पहुचे तो इस दौरान छठवीं से लेकर ग्यारवीं की छात्राओं ने मीडिया को बताया कि यहां का एक शिक्षक उनके साथ लगातार गलत हरकतें कर रहा है। ओर ये अध्यापक उन्हें कुछ समझाने के बहाने बैड टच करता है। इतना ही नहीं, छात्राओं ने ये भी बताया कि इस तरह की हरकतें आये दिन संस्थान में तो हो ही रही हैं साथ ही गर्ल्स हॉस्टल में भी बाहर से आये लड़के और गार्ड उनपर गंदे-गंदे कमेंट आये दिन कर रहे है।
अब तक इन सभी छात्र-छात्राओं ने इन आपत्तिजनक हरकतों का विरोध करते हुए फिलहाल पढ़ाई का बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि मैनेजमेंट उनकी इस शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा। छात्र-छात्राओं का कहना है ओर जबतक छेड़छाड़ करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तब तक वो किसी की नहीं सुनेंगे और इसी तरह से अपना प्रदर्शन आगे भी जारी रखेंगे।
आपको बता दे जबकि इस पूरे मामले मे संस्थान (एनआईवीएच) की डायरेक्टर अनुराधा डालमिया से मीडिया ने बात की तो उन्होंने छात्रा-छात्राओं के आरोप को बिल्कुल निराधार ही बता डाला और कहा कि जब। इससे पहले टीचर पर आरोप लगे थे तो उसकी गिरफ्तारी हो गयी है। लेकिन फिलहाल जो आरोप छात्रा लगा रही है वो बिलकुल निराधार हैं। बहराल इस पूरे मामले की जांच जल्द से जल्द होनी चाइए ओर जब तक जांच पूरी नही हो जाती तब तक उस टीचर को अवकाश दे देना चाइए क्योंकि यहा पर कोई एक या दो या तीन छात्राओं ने ही नही आरोप लगाया ये बात लगभग 100 छात्राओं ने कही है इसलिए इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है।
आपको बता दे कि ये NIVH संस्थान एशिया का सबसे बड़े संस्थानों में से एक है देशभर से आये दृष्टि बाधित छात्र पढ़ते हैं। इससे पहले भी छात्रों की तरफ से 24 मई को राजपुर थाने में तहरीर दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद छात्र के बयान लिए गए और फिर आरोपी शिक्षक रमेश चंद्र कश्यप (पुत्र हनुमान प्रसाद कश्यप मूल निवासी सेक्टर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सोसाइटी जोधपुर राजस्थान हाल निवासी राजपुर रोड) को गिरफ्तार किया गया था। पर अभी तक जो ये एक नया मामला निकलकर आया है इस पर अभी तक कोई कार्यवाही या जांच होती नही दिख रही है