जानकारी सुत्रो से मिली है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नैनीताल की माल रोड के लिए बजट आवंटन में कटौती करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आला अधिकारियों को फटकार लगाई. सीएम ने अधिकारियों को जल्द ही बजट अवमुक्त करने के आदेश दिए है.
साथ ही उन्होंने डीएम नैनीताल को आदेश देते हुए कहा कि वो लोवर माल रोड की मरम्मत का कार्य आरम्भ करा दे. इस कार्य के लिए धनराशि की कोई भी कमी नहीं होने दी जायेगी.
आपको बता दें कि सिंगापुर से आने के बाद गुरुवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कुमाऊं के आपदाग्रस्त क्षेत्रों की भी समीक्षा की इस दौरान उन्होंने इन क्षेत्रों में धन आवंटन की जानकारी भी ली. समीक्षा के दौरान नैनीताल डीएम विनोद कुमार सुमन ने मुख्यमंत्री को बताया कि 16 अगस्त को पर्यटन नगरी नैनीताल की झील के किनारे की लोअर मालरोड में धसांव होने के कारण सड़क कुछ हिस्सा झील मे समा गया था. जिससे शहर मे यातायात बाधित है. ऐसे में वाहनों का
दबाव अपर मालरोड पर होने कारण ये सड़क भी धंस रही है.
ओर इसकी मरम्मत एवं ट्रीटमैंट के लिए शासन को 58.47 लाख के बजट का प्रस्ताव भेजा गया है ताकी लोअर मॉल रोड का कार्य जारी किया जा सके. जिसके लिए सरकार द्धारा 23.79 लाख की धनराशि ही अवमुक्त हुई है. इस राशि से लोअर मॉल रोड के प्रभावित हिस्से की मरम्मत नहीं कराई जा सकता है और 14 सितंबर को नंदादेवी महोत्सव का आयोजन भी होने जा रहा है.
मां नंदा का पारम्परिक डोला विगत वर्षो की भांति लोअर मॉल रोड से ही गुजरेगा. ऐसे में समय रहते लोअर मॉल रोड की मरम्मत आवश्यक है. मॉल रोड के क्षतिग्रस्त होने से यातायात एवं पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में नैनीताल डीएम ने मुख्यमंत्री से मॉल रोड की मरम्मत के लिए 58.47 लाख की सम्पूर्ण धनराशी अवमुक्त करने की मांग की ताकी मॉल रोड का काम पूर्ण किया जा सके. ।
बस फिर क्या था जब समीक्षा बैठक में सीएम ओर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के आगे लोअर मॉल रोड की मरम्मत के लिए सम्पूर्ण धनराशी 58.47 लाख अवमुक्त करने के निर्देश दिए. सीएम ने डीएम नैनीताल वीके सुमन को आदेश दिए है कि लोवर मॉलरोड की मरम्मत का कार्य आरम्भ करा दे. इस कार्य के लिए धनराशि की कोई भी कमी नही होने दी जायेगी.सीएम ने कहा कि नैनीताल पर्यटन का केंद्र है. नैनीझील देशी-विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है. इसके चलते लाखों की संख्या मे सैलानी नैनीताल आते है. बहराल ये कोई पहला मामला नही है इस तरह के कई मामले लगातार सामने आते है जो कुछ सीएम त्रिवेन्द्र रावत तक पहुच जाते है तो बहुत से नही हम बार बार कहते है कि जीरो टालरेश वाली सरकार के लाट साहबो की कमी के कारण भी मुख्यमंत्री की छवि खराब हो रही है जो षडयंत्र कारी है वो तो अलग बात हो गई पर जो राज्य का पैसा लेकर वेतन लेकर सचिवालय जहा से चलता है शासन वही से ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के कुछ नोकरशाह मुख्यमंत्री तक को सही जानकारी तक नही देते । ओट कुछ बाते मुख्यमंत्री से छूपा दी जाती है या समय पर नही बताई जाती! बहराल इन ही नोकरशाह ,मनमौजी कुछ लोगो की कहानी मंत्री से लेकर विधायक कही बार बया कर चुके है पर ये कहा सुधरने वाले । ओर कुछ इन्ही अधिकारी की वजह से ईमानदार मुख्यमंत्री और जीरो टालरेश वाली सरकार की छवि को खराब करने का मौका विपक्ष के पास है जो आये दिन इस बात को कहती भी है बयान भी आते है बहराल कुछ सरकार को सरकार के महाधिवक्ताओ ओर सरकारी वकीलों ने दुखी कर रखा है जो माननीय कोर्ट के आगे ठीक से सरकार की पैरवी नही पा रहे है जिसके कारण सरकार की किरकिरी भी होती रहती है तो दूसरे वो नोकर शाह है जो बस किसी की सुनने को तैयार नही ।
बहराल बात जो भी हो डबल इज़न की सरकार के मुख्यमंत्री को परेशान करने वालो की टीम कम नही वो सीएम त्रिवेन्द्र रावत को यही इन सब मैं उलझा कर रखना चाहती है ताकि सीएम इधर ही फसे रहे और उनको मौका मिलता रहे टांग खिंचाई का अब ये मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वो आगे क्या करते है