रिपोर्ट – भगवान सिहं की बोलता उत्तराखंड़ के लिए
सबसे पहले बोलता उत्तराखंड की पूरी टीम इस पूरी दुःखद घटना पर शोक व्यक्त करता है ।
आपकों मालूम है ही कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दूर गंगोत्री राजमार्ग़ पर ब्लाक भटवाड़ी के लगभग सात किमी आगे संगलाई नाम के स्थान के पास जन्माष्टमी के पर्व पर गंगोत्री धाम से पूजा अर्चना कर लौट रहे उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के भंकोली गांव के लोगों से भरा टैंपो ट्रेवल्स वाहन संख्या यूके10 टीए 0775 अचानक पहाड़ी से गिरकर सामने आये मलबे के कारण सीधे लगभग डेढ़ सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरा। जिसमें भंकोली गांव के 14 लोगों की चालक सहित घटना स्थल पर ही मौत हो गई है। ओर एक घायलों को इलाज के लिए देहरादून लाया गया है।
ये सभी लोग जन्माष्टमी पर्व मनाने भटवाड़ी ब्लाक के भंकोली गांव के सैकड़ों ग्रामीण गांव के आराध्य नाग देवता की अगुआई में दर्जनों वाहन में सवार होकर बीते शाम गंगोत्री गये थे। सुबह जन्माष्टमी के पर्व पर गंगोत्री में पूजा अर्चना करने के बाद भंकोली गांव के लोगों का जत्था वापस लौट रहा था। जत्थे में शामिल टैंपा ट्रेवल्स वाहन जिसमें पंद्रह लोग सवार थे, जैसे ही भटवाड़ी से पहले संगलाई नाम के स्थान पर लगभग ढाई बजे पहुंचा, वैसे ही पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा वाहन के सामने आकर गिरा। मलबे में आई कुछ चट्टानें वाहन से टकराई। जिससे वाहन सीधे डेढ़ सौ मीटर गहरी खाई में गंगा नदी के निकट जा गिरा। इस वाहन के पीछे आ रहा दूसरा वाहन तुरंत बैक हो गया। खाई में गिरे वाहन जिसमें सवार पंद्रह लोगों में से 14 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतकों में 10 पुरूष व 4 महिलायें हैं। जबकि एक महिला घायल हैं। घायलों का इलाज देहरादून में किया जा रहा है। घटना की सूचना पर डीएम डा आशीष चैहान, पुलिस टीम, भटवाड़ी एसडीएम देवेंद्र नेगी सहित एसडीआरएफ, स्वास्थ्य टीमें व ऐंबुलेंसें मौके पर पहुंच गई थी।
डीएम मौके पर डटे रहे
डीएम डा आशीष चोहान लगातार घटना स्थल पर ही डटे रहे। वे लगातार रेसक्यू के लेकर पुलिस सहित मौजूद अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश देते रहे। घायलों के लिए डीएम ने हेलीकाप्टर की मांग की थी। खराब मौसम के कारण यह मांग पूरी नहीं हो पाई।
मृतकों के नाम
1-जशोदा (40) पत्नी जयदेव सिंह, भंकोली निवासी
2-पायल (20) पुत्री शूरवीर, भंकोली निवासी
3-रणवीर सिंह (45) पुत्र विक्रम सिंह, भंकोली निवासी
4-जगदीश (55) पुत्र इंदर सिंह, भंकोली निवासी
5-रामप्यारी (50) पत्नी जगदीश, भंकोली निवासी
6-रामवीर (45) पुत्र इंद्र सिंह, भंकोली निवासी
7-सकला देवी (40) पत्नी रामवीर सिंह, भंकोली निवासी
8-अवतार सिंह (55) पुत्र धूम सिंह, भंकोली निवासी
9-बीरेंद्र सिंह (50) पुत्र नरेंद्र सिंह, भंकोली निवासी
10-सोबेंद्र सिंह (40) पुत्र नरेंद्र सिंह, भंकोली निवासी
11-दीपक (22) पुत्र किशन सिंह, भंकोली निवासी
12- बचन सिंह (50) पुत्र इंदर सिंह, भंकोली निवासी
13-सतवीर सिंह (32 )कृपाल सिंह, वाहन चालक , नाल्ड गांव निवासी
अब बोलता है उत्तराखंड़ कि घटना किसी के साथ भी कही भी घट सकती है तो क्या हमको बरसात के समय या जब ज्यादा बरसात लगातार हो रही हो तो क्या यात्रा करनी चईये मौत तो भगवान ने तय की है जिसको जब आनी होगी वो आयेगी पर क्या भगवान के भक्त ये नही कहते कि जब खुद कर्म नही करोगे तो भगवान भी मदद नही करता ठीक उसी प्रकार हो सकता है कि भगवान भी किसी से कहल वाता हो कि मौसम खराब चल रहा है सवाधान रहो । पर क्या करे भगवान आपकी ही पूजा करने तो ही निकले थे घर से ओर आपने हम सब के अपनो को अपने पास बुला दिया । बड़ा दर्द दे दिया भगवान आपने। ये ही बात कह रहा है रो रहै है उस गाँव से लेकर हर आस पास के गाँव वाले ओर उनके अपने दुःखद हादास हो गया पूरी गाड़ी मे सवार लोग मौत के काल मे समा गये
बोलो अब क्या करोगे सरकार? मुआवजा दोगे , 2 लांख से 50 हज़ार तक या इससे कम या बहुत अधिक ? जो भी हो अब ये लोग वापस नही आने वाले मुख्यमंत्री जी ने भी पूरी घटना पर बहुत दुःख जताया है । पर बोलता उत्तराखंड़ सिर्फ एक सवाल राज्य सरकार से पीएम मोदी जी से नीतिन गड़करी जी से पूछ रहा है कि जब आपकी महत्वपूर्ण योजना आल्वेदर रोड बन जाएगी तब क्या इस प्रकार के हादसे रुक जायेगे ? या इन हादसों मे कमी आयेगी ? मन मे यही सवाल है कि डबल इज़न की सरकार आल्वेदर रोड़ बना रही है ।तो क्या ये समझा जाये कि इस प्रकार से भूस्खलन पर भी रोक लग जाएगी ? जब अभी ही पहाड़ आये दिन ओर पहाड़ की मिट्टी कमजोर हो रही है तो आगे इसको कमजोर होने से कोन सी तकनीक से रोका जाएगा सवाल इस बात का है?