देवभूमि उत्तराखंड मे अभी इंद्र देव रुकने का नाम नही ले रहे है और यही वजह है कि इस बरसात की वजह से पहाड़ से लेकर मैदान तक कि जनता प्रभावित हो रखी है ख़ास कर पाहड़ की जनता जहा आये बादल फटने , जनावरो के दबने की खबर ओर जनता जनता का घायल होने से लेकर मौत की ख़बर आती रहती है. आपको बता दे कि अभी बरसात की
मार नहीं होगी कम ओर अगले 24 घंटे भी ओर अधिक ये आसमानी आफत बरसने का अनुमान लगाया जा चुका है ।
राज्य के के अधिक जिलों में पिछले तीन से चार दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। तो राज्य में कुछ इलाके टापू बन गए हैं तो कुछ तालाब। सड़कों पर गाड़ियां तैरते हुए अब नज़र आ रही हैं। बारिश कम होने के बाद ही स्थिति सामान्य होने की मुसीबत में फंसे लोगों को आस है। वो यही कह रहे है कि है भगवान अब बस भी करो।.
लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अभी आसमानी आफत कम नहीं होने वाली है। ख़बर है कि 24 घंटे और बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान प्रदेश के कुछ ही इलाकों में भारी से मध्यम बारिश की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 7 अगस्त को कुछ जिलों में भारी व मध्यम वर्षा होने की बात कही गयी है। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी के लिए जारी किया है, जहां बारिश की तेज बौछार पड़ सकती है। इसके अलावा अन्य जनपदों में मध्यम बारिश की संभावना है। पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश की वजह से वैसे ही पूरे प्रदेश का हाल बेहाल है। अलर्ट जारी होने के बाद से ही प्रशासन जगह-जगह बारिश से सावधान रहने का अनाउंसमेंट करवा रहा है और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत स्वयं हर जानकारी का अपडेट ले रहे है
उन्होंने प्रशासन को उचित दिशा निर्देश दे रखे है ।तो प्रशासन भी अपनी तरफ से लोगों को निर्देश दे रहा है कि अगर कोई भी खाले-नाले के किनारे रहते हैं तो वो तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं, क्योंकि भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। साथ ही नदी व नालों के किनारे रहने वाले इलाकों को पहले ही प्रशासन चिन्हित कर चुकी है ताकि आपदा जैसी स्थिति के दौरान फौरन मौके पर पहुंचा जा सके। इसके अलावा लैंडस्लाइड जोन को भी चिन्हित कर लिया गया है।
आपको बता दे की पिछले दिनों से हो रही बारिश की वजह से देहरादून का नेहरुग्राम और ISBT जलमग्न हो गए थे। इसके अलावा ऋषिकेश के गोहरीमाफी के तो हालात और भी ज्यादा बुरे हैं, ये क्षेत्र पूरी तरह से टापू बन गया है और लोगों के घरों में पूरी तरह से पानी ही पानी होने की वजह से उनके चुल्हें तक नहीं जल रहे हैं। अब जरा सोचो जब देहरादून के कुछ इलाकों के ये हाल है तब मेरे पहाड़ के लोगो के क्या हाल होते है जब लगातार वहां बारिश होती है। उनके मकान टूटते है।जानवर दबते है, घायल वो होते है और कही जान भी चली जाती है और फिर मुआवजा मे मिलने वाला रुपैया उनके जख्मो पर तेजाब डालने का काम करता है । फिलहाल अभी बोलता उतराखंड को जो रिपोर्ट मिल रही है उसके अनुसार हालात नाजुक है। जल्द ही बरसात अगर कम ना हुई तो राज्य को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।