कल यानी रविवार को हरिद्वार मे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की अस्थियां 19 अगस्त को हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। जिसको लेकर तैयारियां की जा रही है आपको बता दे कि अस्थि विसर्जन के इस कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत हमारे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत शामिल होंगे। जानकारी अनुसार आज शाम को ही सीएम योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत हरिद्वार पहुंचेंगे।
बोलता उत्तराखंड़ बता रहा है कि पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजामात किए जा रहे हैं। कलश यात्रा में शामिल होने बाहर से आने वाले वाहनों के लिए ऋषिकुल और भेल में दो बड़ी पार्किंग बनाई गई है। वहीं वाजपेयी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी अनुसार रविवार को सुबह 11 बजे हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम से वाजपेयी की अस्थि विसर्जन यात्रा निकलेगी जो मुख्य बाजारों से होते हुए लगभग 1 बजे हरकी पैड़ी पहुंचेगी। इस कलश यात्रा में लगभग 50 हजार आम से लेकर खास लोगों की पहुंचने की उम्मीद है जिसकी तैयारियो मे प्रशासन जुट गया है इस पूरे कार्यक्रम की तैयारियों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद नजर बनाए हुए है। ओर वह लगातार उचित दिशा निर्देश दे रहे है
तो दूसरी तरफ ही भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पंचतत्व में विलीन होने के बाद जहा उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर है। तो हर कोई उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। इसी बीच जनपद उत्तरकाशी के एक शख्स ऐसे भी हैं जो अटल जी मृत्यु पर उनके लिए हिंदू धर्म के अनुसार 13 दिन का क्रियाकर्म करेंगे।
आपको बता दे कि जनपद उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में बीजेपी के ग्रामीण मंडल अध्यक्ष शीशपाल रमोला ने अटल जी के दाहसंस्कार के बाद भागीरथी नदी के किनारे अपने बाल मुंडवाए। रमोला ने कहा कि वाजपेयी की मृत्यु इस देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।
मीडिया से शीशपाल रमोला ने बताया कि उनके लिए अटल जी पिता तुल्य थे। इसलिए जैसे परिजन की मौत के बाद हिंदू रीति रिवाज के अनुसार क्रियाकर्म होता है। वैसी ही वे वाजपेयी जी की आत्मा की शांति के लिए बड़ेथी के गंगेश्वर मंदिर में 13 दिनों तक सभी क्रियाएं करेंगे।