नए साल के पहले दिन चैंपियन और देशराज कर्णवाल में हुआ पैच अप
आपको बता दे कि उत्तराखंड के ये विधायक बदजुबानी के चलते भाजपा से निष्कासित हो रखे है जी हां हम खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की बात कर रहे है।
ओर पिछले साल 2019 मैं
भाजपा पार्टी के ही दूसरे विधायक देशराज कर्णवाल ओर कुँवर प्रणव के आपसी विवाद ओर बयान बाजी ने भाजपा को नाक मैं दम कर रखा था
तो कही ना कही
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इन दोनों नेताओं के व्यवहार से काफी चिंतित नज़र आते थे।
ओर आज नए साल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन दोनों नेताओ को आपसी सुलह करा दी है।
आज इन दोनों नेताओं के
बीच पैच अप हो गया।
बता दे कि आज देहरादून में दोनों ने संयुक्त पत्रकार वार्ता कर मीडिया के सामने दोनों ने एक दूसरे को गले लगाकर पिछले साल तक के सभी गिले शिकवे दूर किए।
इस पत्रकार वार्ता के दौरान दोनों नेताओ ने कहा कि वह एक-दूसरे पर दर्ज कराए सभी मुकदमे वापस लेंगे।
ख़बर है कि अब इसके बाद कभी भी भाजपा से निष्कासित कुंवर प्रणव चैंपियन की पार्टी में वापसी हो सकती है!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर है कि अपनी वापसी के लिए लगातार कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के आवास के चक्कर काट रहे ,ओर अब पार्टी विधायक देशराज कर्णवाल और उनके बीच का विवाद भी पहली नज़र में खत्म होता दिख रहा है।
अगर दोनों नेताओ को एक साथ भाजपा मे ही रहना है तो हर हाल मैं ये आपसी विवाद खत्म होगा।
मगर यदि किसी के मन मैं कुछ और चल रहा है तो सूत्र बोलते है कि भाजपा के विधायक देशराज
कर्णवाल ने अभी आपसी सुलह की बात तो मीडिया के आगे कह दी है पर अंदर की बात ये है कि
भाजपा के विधायक देशराज ने कुँवर प्रणव से अपनी निजी जंग को ख़त्म करने का मन अभी तक दिल से नही बनाया है
बस अभी भी इनको इंतज़ार है कि अगले किसी ओर मौके पर कुँवर प्रणव सिंह फिर किसी तरह खुद लपेटे मैं आ जाये।
बहराल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मैं आने के बाद ओर सख्त हिदायत देने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विशेष कार्य अधिकारी धीरेंद्र पवार ने इन दोनों नेताओ के आपसी विवाद को सुलझाने मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
ओर दोनों नेताओं के बीच पैच अप करा कर सरकार के सरदर्द को कम किया
वही सूत्र कहते है कि कर्णवाल को चैंपियन से रिश्ते सुधारने को कहा गया है , ताकि उनकी पार्टी मैं वापसी कराने में आसानी हो।
क्योंकि चैंपियन की घर वापसी में कर्णवाल ही सबसे बड़ी बाधा थे।
वे अड़ गए तो चैंपियन की वापसी में परेशानी खड़ी हो सकती थी। इसलिए सबसे पहला काम दोनों विधायकों में पैच अप कराने का हुआ है और अब दूसरे चरण में चैंपियन भाजपा में जल्द वापसी कर सकते हैं!
नए साल के आगाज़ से ही टीम त्रिवेंद्र अपने मिशन पर जुट गई है
ताकि फिर से 2022 मैं बने भाजपा की सरकार ओर त्रिवेंद्र रावत फिर 5 साल।