उत्तराखंड में जबरन फीस को लेकर दबाव नहीं बनाएंगे प्राइवेट स्कूल: कुँवर जपेंद्र की मेहनत रंग लाई बोले जपेंद्र ये आपकीं एकता की है जीत।
ख़बर आपके लिए हाईकोर्ट ने अभिभावकों की शिकायतों के निपटारे के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है। पूरी ख़बर विस्तार से
नैनीताल: जी हा उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बता दे कि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शिक्षा सचिव के 22 जून के आदेशानुसार स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर जबरन फीस को लेकर दबाव नहीं बनाएंगे केवल ऑनलाइन क्लास चलाने वाले स्कूल ही बच्चों से ट्यूशन फीस ले सकते हैं वही हाईकोर्ट ने अभिभावकों की शिकायतों के निपटारे के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है। आपको बता दें कि भाजपा फायर बॉन्ड नेता और समाज सेवी देहरादून निवासी कुँवर जपिन्दर सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्राइवेट स्कूल्स पर जबरन फीस मांगने का आरोप लगाया था. याचिका में कहा गया था कि कई स्कूल जबरन ऑनलाइन क्लासेस चलवा रहे हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. याचिका में कहा गया कि कई बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड में कई स्थानों पर इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है. कई लोगों के पास मोबाइल व अन्य गैजेट भी नहीं हैं, लिहाजा ऑनलाइन पढ़ाई के स्थान पर दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों का पढ़ाया जाए. बहराल आज सभी अभिभावक भाजपा नेता कुँवर जपेंद्र को बधाई व धन्यवाद कह रहे है क्योकि भाजपा नेता कुँवर जपेंद्र जिन्हें उत्तराखंड समाजसेवी के रूप मैं पहले जनता है उन्होंने कही प्रकार के दबाव आने पर भी वे सच के साथ खड़े रहे। ओर आज परिणाम सबके सामने है