पूरा उत्तराखंड़ 3 दिन से गुस्से की आग मे सुलग रहा था ओर गुस्से मे हो भी क्यो ना पहाड़ पुत्री को हवस के भेड़िए ने दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या जो कर दी थी समय आगे बढ़ रहा था ओर तनाव भी । पूरा उत्तरकाशी जिला पुलिस की नज़र में कैद था लगभग 200 सेना के जवान भी मोर्चा संभालने को तैयार थे हर जगह पहाड़ के कोने कोने से हर जिले से आवाज आई है कि पहाड़ पुत्री के हत्यारे को फाँसी दो फाँसी दो सतपुली से लेकर कोटद्वार , रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, चकराता विकास नगर , देहरादून ओर हरिद्वार मतलब पूरे पहाड़ से लेकर मैदान तक कि जनता उत्तराखंड़ की जनता की माग यही है कि सिर्फ और सिर्फ मासूम के गुनहगार को फाँसी पर लटका डालो। पुलिस पर मामले के खुलासे का दबाव भी बढ़ रहा था लेकिन फिर इस पूरे घटना कर्म मे नया मोड़ आया ओर मासूम बालिका की बहन ने जो जानकारी पुलिस को दी उसके बाद से सारी तस्वीर साफ हो गई

दो दिन बाद 20 अगस्त को पुलिस ने देवीधार डुंडा से आरोपी को पकड़कर उससे पूछताछ की, जिसमें उसने स्वीकारा कि वो मृतका को जानता था और मृतका और उसकी बड़ी बहन से बात करने का बहाना ढूंढता था. कुछ दिन पहलो वो शराब पीकर मृतका के घर गया और बातचीत की कोशिश की लेकिन उनकी मां जाग गई और उसे भगा दिया.
इसके बाद 17 अगस्त की रात वो शराब पीकर मृतका के घर गया और उसे घर से सोते हुये उठाकर ले गया. आरोपी ने दुष्कर्म और हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया है. जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली और पहाड़ मे फैली गुस्से की आग कम हो पाई लेकिन पूरा उत्तराखंण्ड अब भी मासूम के हत्यारे को फाँसी की सज़ा दिलाने की मांग पर अड़ा है। मामले के खुलासे के बाद सरकार ने भी राहत की सांस ली है तो मासूम के परिवार को आर्थिक मदद के तौर पर 5 लाख की राशि देने की घोषणा की ।
आपको को बता दे कि आरोपी मुकेश उर्फ बंटी ने स्वीकारा है कि वो मासूम की बड़ी बहन पर नज़र रखता था ओर उसे एक तरफा प्यार भी करता था लेकिन मासूम की बहन उसकी तरफ देखती भी नही थी आरोपी मुकेश उर्फ बंटी ने स्वीकार है कि वो मासूम की बडी बहन को डरता धमकाता भी था और उस दिन रात को बडी बहन के गाँव मे ना रहने बाद वो नशे मे उसकी छोटी बहन को ही सोते हुए उठा कर ले गया और उनके घर से कुछ दूर ही उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया फिर उसके शोर मचाने के डर से उसका मुह बंद कर दिया जिसके बाद उसकी मौत हो गई फिर उसने उसके शरीर को पुल के पास फेक दिया इस घटना के बाद से पूरे पहाड़ मे उबाल था ये आरोपी इतना शातिर निकला की इसने पुलिस को भटकाने के लिए इस पूरे मामले को बिहारी मंज़दूरो तक ले गया अफवाह के जरिये ओर खुद दोषियों को पकड़ने ओर सज़ा दिलाने की माग करने वालो के बीच मे खड़ा हो गया। बहराल अगर मासूम की बड़ी बहन इस पूरे मामले पर बयान ना देती ओर पुलिस गहराई से पूरी छान बीन ना करती तो ये पूरा मामला ओर दिन तक खींच सकता था बहराल पुलिस की सूझ बूझ से ही सब कुछ शांति के साथ पूरा खुलासा हो गया जिसके लिए पुलिस के बड़े अधिकारी अजय रौतेला , संजय गुज्याल ओर अशोक कुमार को धन्यवाद कहना चाइए जिन्होंने देवभूमि मे बनते बिगड़ते माहौल को पूरी तरह से नियंत्रण मे रखा और उनके विवेक कौशल और अनुभव ने राज्य मे एक बार फिर शांति का माहौल बनाया भले ही जनता अभी भी आरोपी को फाँसी की सज़ा की मांग कर रही है