वहा पांडये जी ये हुई ना बात आपने ये फैसला जैसे ही धरातल पर उतरेगा उसके बाद तस्वीर पूरी तरह से साफ ही जाएगी
आपको बता दे कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अब पढ़ा-लिखा होना जरूरी होगा। ग्राम पंचायत में वार्ड पंच से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक योग्यता निर्धारित की जाएगी।
वहीं अब दो से अधिक बच्चे वाले और ऐसे लोग जिनके घर शौचालय नहीं है, वो भी त्रिस्तरीय पंचायत में किसी भी पद पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। प्रदेश सरकार पंचायतीराज एक्ट में यह प्रावधान करने जा रही है।
आपको बता दे कि राज्य में अगले साल पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव से पहले सरकार ने एक्ट में नए प्रावधानों को शामिल करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद विभागीय मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में वार्ड सदस्य से लेकर प्रधान, बीडीसी, जिपं अध्यक्ष पद के लिए शैक्षिक योग्यता तय की जाएगी।
आपको बता दे कि पद के अनुसार ही आठवीं, दसवीं, इंटरमीडिएट व स्नातक शैक्षिक योग्यता निर्धारित की जाएगी। इस संबंध में सचिव पंचायतीराज रंजीत कुमार सिन्हा को कानूनी व गाइड लाइन के अनुसार समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही आपको बता दे कि विभागीय मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि नए पंचायतीराज एक्ट में प्रावधान किया गया कि जिस व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे होंगे या फिर जिनके घर में शौचालय नहीं है, वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। साफ है कि इन प्रावधानों के लागू होने के बाद आगामी पंचायत चुनाव में कई दावेदार अयोग्य हो जाएंगे
जबकि अभी तक पंचायतीराज एक्ट में अभी तक पंचायत चुनाव के लिए कोई शैक्षिक योग्यता की शर्त नहीं है। मतदाता सूची में नाम है तो पंचायत में किसी भी पद पर चुनाव लड़ सकते हैं। सरकार की मंशा है कि पंचायतों में पढ़े लिखों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी। हरियाणा राज्य ने पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता का प्रावधान किया है।
बहराल दबंग मंत्री का ये दबंग फैसला है अब इसके परिणाम क्या कुछ निकलकर आयेगे ओर विपक्ष से लेकर गांव गांव क्व लोगों के क्या बयान निकलकर आते है ये देखना दिलचस्प होगा ।