नैनीताल. कोरोना वायरस (Corona virus) को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) राज्य सरकार के हेल्थ सचिव (Health Secretary) के जवाब ने संतुष्ट नहीं है. हाईकोर्ट ने अब पूरे प्रमाण के साथ जवाब फाइल करने को कहा है. हाईकोर्ट ने कोरोना पर गंभीर रुख अपनाते हुए तत्काल टैस्टिंग लैब बढ़ाने के साथ पहाड़ में मोबाइल टेस्टिंग लैब सुविधा देने का सरकार को निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को कहा है कि कोरोना की तीसरी वेब को लेकर तैयार रहें. इस वक्त बंद स्कूल और कॉलेज को कोविड हेल्थ सेंटर के तौर पर बनाएं, क्योंकि 500 बैड का अस्पताल पर्याप्त नहीं होगा.
वहीं, हाईकोर्ट ने छोटे शहरों में भी तीसरी लहर के लिए कोविड हेल्थ सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं. ऑक्सीजन की कमी पर हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य के तीनों प्लांट से पहले राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी हो. उसके बाद अन्य स्थानों को सप्लाई की जाए. कोर्ट ने हरिद्वार, हल्द्वानी और देहरादून में बेड बढ़ाने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हरिद्वार, रुद्रपुर और पौड़ी में सिटी स्कैन की व्यवस्था तत्काल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कालाबाजारी पर कार्रवाई कर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने को कहा है. चीफ जस्टिस कोर्ट ने कहा कि कोविड अस्पतालों से वैक्सीन सेंटर हटाया जाए और अन्य कहीं वैक्सिनेशन की व्यवस्था की जाए.
टीवी सेनेटोरियम को कोविड अस्पताल बनाने के भी निर्देश दिए हैं
वहीं, हाईकोर्ट ने भवाली टीवी सेनेटोरियम को कोविड अस्पताल बनाने के भी निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने अधिक चार्ज लेने वाले प्राइवेट अस्पतालों पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कोर्ट ने विदेशों से ऑक्सीजन खरीदने पर भी केंद्र सरकार की मदद लेने को कहा है. आपको बतादें की उत्तराखंड हाईकोर्ट दुष्यंत मैनाली समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. और कोरोना की मॉनिटरिंग खुद कोर्ट कर रहा है.