संत गोपालदास ने PM मोदी से मांगी देह त्यागने की अनुमति, AIIMS प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
आपको बता दे कि ऋषिकेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एम्स में भर्ती संत गोपालदास ने अस्पताल पर बदसलूकी और मानसिक प्रताड़ना जैसे कई आरोप लगा डाले है। यही नही ख़बर है कि उन्होंने इसके साथ ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर ‘संथारा’ करने के लिए अपील भी की है. उनका कहना है कि वह एम्स में सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यहां स्थानीय प्रशासन उनके स्वास्थ्य को लेकर बार-बार अपने बयान बदल रहा है।
इसके बाद संत गोपालदास ने AIIMS प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप.
आपको बता दे कि दरअसल मे स्वर्गीय स्वामी सानंद के अनशन शुरू करने के दो दिन बाद ही संत गोपालदास ने भी गंगा के लिए अनशन शुरू कर दिया था. जिसके बाद प्रशासन ने फोर्स फीडिंग कराकर उनके अनशन को समाप्त करने की कोशिशें भी कीं ओर जानकारी है कि संत गोपालदास के अनशन को भी 110 दिन से अधिक का समय हो गया है, लेकिन बीते शनिवार देर रात उन्हें प्रशासन ने जबरन उठाकर एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया था।
जहा एम्स के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं. ख़बर है कि यहां भर्ती संत गोपाल दास ने बताया कि वह संत परंपरा के अनुसार गंगा और हिमालय संरक्षण के लिए अपने शरीर को स्वेच्छा से त्यागना चाहते हैं लेकिन प्रशासन उनको ऐसा नहीं करने दे रहा है।संन्यासी जीवन में एक संत ‘संथारा’ (बिना अन्न जल ग्रहण किए शरीर त्यागना) कर सकता है, लेकिन उन्हें जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जो कि गलत है.
संत गोपालदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘संथारा’ करने की अनुमति मांगी है. उन्होंने पीएम से अपील की है कि उनके इस कार्य में कोई भी किसी भी प्रकार की बाधा पैदा न करे. साथ ही गोपालदास का कहना है कि, एम्स प्रशासन उन्हें और उनके सहयोगियों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है.
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि एम्स के चिकित्सक और मेडिकल सुपरिटेंडेंट उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी अनुमति के बिना उनका वीडियो क्लिप भी लगातार बनाया जा रहा है.
ख़बर है कि इस मामले में एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल का कहना है कि संत गोपालदास द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. यहां का कोई भी कर्मचारी या चिकित्सक किसी के साथ बदसलूकी नहीं करता है.
बहराल स्वामी सानंद की मौत के बाद नए नए पेच ओर मामले निकलते जा रहे है ।जो किसी राजनीतिक पार्टी के मुदा बना है तो बीजेपी के लिए चुनोती भी की कैसे इन सब मामलों को जल्द से जल्द शांत किया जा सके ।क्योकि धर्मंनगरी हरिद्वार से उठने वाली आवज़ या घटना सीधे देश विदेश तक पहुँच जाती है ।देखा गया है अकसर की माँ गंगा का नाम लेकर आस्था , सियासत , आरोप , ओर अब बलिदान भी देखने को मिल रहा है। बस अब देखना ये ही होगा कि माँ गंगा की अविरलता को लेकर आगे केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है ।