बोलता उत्तराखंड़ पहाड़ की बात करता है और पहाड़ के दुःख दर्द को सरकार के आगे रखता है कुछ यही दर्द
जोशीमठ के थैंग गांव के लोगो का भी है जो अपने गाँव के लोगो को इस समय बीमार पड़ने पर उस मरीज को कंधो पर लेकर जा कर किसी तरह उनको स्वास्थ्य सेवाए दे रहै है आपको बता दे कि
जोशीमठ मे सिस्टम नाम की चीज़ ही नही है और इनकी खामिया हर दिन उजागर होटि रहती है बोलता उत्तराखंड़ आपको थैंग गांव की ऐसी तस्वीर बता रहा है जो हमारे सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है क्योकि अब थैंग
गांव में बीमार मरीज कुर्सी और कंधों के सारे अस्पताल और घर पहुंच रहे हैं
दरसल थैंग और चांई गाव के बीच की सड़क बरसात के कारण जून से ही बंद है और लगभग ये सड़क 13 किलोमीटर तक बंद है तो दूसरी तरफ गांव को जोड़ने वाला एक मात्र कच्चे पुल के बह जाने थैंग गांव के हालात ओर बिगडते ही जा रहे है दुसरी तरफ थैंग के समीप बसने वाले चांई गांव में पिछले जून में बादल फटने से सड़क मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था जो कि लगभग 50 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं बन पाया है जिसकी वजह से चाई और थैंग गांव के लोगों को भारी परेशानी में का सामना करना पड़ रहा है
वही सवाल अब उत्तराखंड के सरकारी सिस्टम पर भी उठ रहे है कि पहले ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों के हालत जल्द क्यो ठीक नही किये जाते
जहां आज भी आवागमन के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है
थैंग और चाई जोशीमठ के ठीक सामने बसे हुए गांव हैं जहां पर कि हर समय प्रशासन की नजर उन गांव पर पड़ती है लेकिन आज तक प्रशासन की ओर से इन गांव की सुध नही ली जाती बहराल अब देखना होगा कि इनके विधायक नीद से कब तक जागते है या जागेंगे ही नही