रंजना नेगी की रिपोर्ट
आपको बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद पहाड़ पुत्र अनिल बलूनी ने श्रीनगर गढ़वाल के एनआईटी छात्रों की समस्याओं को लेकर आज केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ भेंटकर उनसे छात्रों की मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
अनिल बलूनी ने छात्रों के भविष्य तथा उनकी न्यायोचित मांगों और सुरक्षा के विषय में चर्चा करके मांग की है कि तत्काल छात्रों को सुरक्षित परिसर उपलब्ध कराया जाए ताकि उनका पठन-पाठन निर्बाध रूप से हो सके क्योंकि छात्रों के साथ अभिभावक और एनआईटी संस्थान भी इस विषय को लेकर काफी चिंतित हैं।
आपको बता दे कि सांसद बलूनी ने कहा कि माननीय मंत्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि एक-दो दिन में छात्रों की मांगों पर अमल करते हुए उन्हें सुरक्षित परिसर की व्यवस्था कर दी जाएगी, साथ ही शीघ्र एनआईटी परिसर हेतु भूमि चयन की व्यवस्था भी कर दी जाएगी ताकि यह बहुद्देशीय संस्थान सफल रूप से संचालित हो सके।
बहराल बलूनी के इस प्रयास के बाद छात्रो के चहरे से खो गई मुस्कान वापस लौट आई है और उनको लगता है कि अब जल्द ही उनकी समस्या का हल निकल जाएगा । क्योकि उन्हें विस्वास है कि उनके लोकप्रिय नेता बलूनी उनकी समस्या को दूर कर देंगे
आपको बता दे कि पखवाड़े भर के आंदोलन के बाद भी मांग पर सुनवाई नहीं होने से मंगलवार को ही एनआईटी उत्तराखंड के करीब 900 छात्र-छात्राओं ने कैंपस छोड़ दिया था और छात्र हॉस्टल के कमरों में ताले डालकर चले गए थे।
इन सभी छात्र ने एनआईटी स्थायी कैंपस के निर्माण और नया कैंपस बनने तक सुविधाजनक स्थान पर शिफ्ट किए जाने की मांग के लिए बीते कई दिनों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे। दूसरी ओर संस्थान में संपन्न कैंपस इंटरव्यू में केवल 35 छात्रों ने ही हिस्सा लिया था।
आपको बता दे कि विगत तीन अक्तूबर को एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) हॉस्टल से लैब की ओर जाते हुए दो छात्राओं को बदरीनाथ हाईवे पर एक बेकाबू कार ने टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में एक छात्रा गंभीर घायल हो गई थी, जिसका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
कैंपस हॉस्टलों में ताले लगा दिए
घटना से आक्रोशित संस्थान के लगभग 980 छात्र-छात्राएं (बीटेक, एमटेक व पीएचडी) चार अक्तूबर से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे।
इस बीच नवरात्र की छुट्टियों के चलते कई छात्र अवकाश पर चले गए थे, लेकिन बीते मंगलवार सुबह अचानक छात्र-छात्राएं अपना सामान लेकर हॉस्टल से बाहर निकल आए और वहां से चले गए।
कुछ ही छात्रों ने बाहर जाने की सूचना रजिस्टर में दर्ज कराई। छात्रों ने कहा कि वह तभी लौटेेंगे, जब उन्हें सुविधाजनक स्थान आवंटित किया जाएगा ।
छात्र -छात्राओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखंड के राज्यपाल व मुख्यमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड, एमएचआरडी सचिव और एनआईटी के निदेशक को पत्र भेजे हैं, जिसमें उन्होंने तत्काल दूसरे अस्थायी कैंपस में शिफ्ट किए जाने की बात लिखी है।
उन्होंने कहा कि कैंपस सुविधाजनक, चिकित्सीय सुविधा, कॉरपोरेट एक्सपोजर और मानकों को पूरा करता हो। उनका कहना है कि आंदोलन के 20 दिन होने के बाद भी राज्य व केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा छात्रों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में भी पत्र वायरल किया है।
बहराल इन सब बातों का सज्ञान पहाड़ पुत्र राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने लिया है और केंद्रीय मंत्री जी से इस पूरे विषय बात की है अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही छात्रो की समस्या का रास्ता निकालकर उनकी दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
जैसे ही ये ख़बर छात्रो तक पहुँची रही है । वे केंद्रीय मंत्री और अनिल बलूनी को धन्यवाद बोलने लगे है ।