आपको बता दे कि
उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून के पांच अस्पतालों मै 1400 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
वहीं दून और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के लिए आइपीएस केवल खुराना को नोडल अधिकारी बनाया जा चुका है
इसके साथ ही कोरोना के मामलों में समन्वय स्थापित करने के मकसद से एम्स ऋषिकेश और हिमालयन अस्पताल के लिए आइपीएस नीरू गर्ग को
नोडल अधिकारी बनाया गया है।
कल महत्वपूर्ण बैठक
मै प्रमुख अस्पतालों के प्रबंधन के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सीएम आवास में बैठक की थी
आपकों बता दे कि एम्स ऋषिकेश, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, दून अस्पताल और उतरभारत का लोकप्रिय
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कोरोना के इलाज की अलग से व्यवस्था की जा रही है। वही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार उपकरणों की भी व्यवस्था की जा रही है। इनमें कोरोना के मरीजों के लिए बेड भी आरक्षित किए गए हैं।
अभी फिलहाल एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में 400-400 बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
जबकि फिलहाल , हिमालयन अस्पताल और लोकप्रिय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 200-200 बेड इसके लिए उपलब्ध हैं।
तो जरूरत पड़ने पर इन दोनों अस्पतालों में इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
वही सैन्य अस्पताल में भी 200 बेड की व्यवस्था रहेगी। इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आइसीयू और वेंटिलेटर भी आवश्यकता के अनुसार बढ़ाए जाएंगे। साथ ही एंबुलेंस की भी व्यवस्था की जाएगी। इस महत्वपूर्ण बैठक मैं कल
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, श्री महंत श्री देवेन्द्र दास जी महाराज जी
, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राजेन्द्र सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य सचिव नितेश झा, एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत, हिमालयन अस्पताल से डॉ. विजय धस्माना, एम्स ऋषिकेश के निदेशक डॉ रविकांत उपस्थित थे।
वही इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक की थी
जिसमे मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही है। इसमें प्राईवेट चिकित्सा संस्थानों का सहयोग बहुत जरूरी है। इससे अन्य निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी बढ गई है। इसलिए सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम अपने यहां ओपीडी खुली रखें। ताकि आमजन अन्य बिमारियों की दशा में अपना ईलाज सुगमता से करा सके। सरकार निजी चिकित्सा संस्थानो को हर प्रकार की सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी अस्पतालों में ओपीडी की व्यवस्था सही रखने में सहयोग करें। मेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि कोरोना से लङाई में सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा। इसके साथ ही उनकी तरफ से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को सुझाव दिया गया कि दूंन अस्प्ताल , लोकप्रिय
अस्पताल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को भी कोरोना सेपलो की जांच करने की मंज़ूरी दी जाएं उस दौरान इस बैठक मैं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत, मुख्य सचिव श उत्पल कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, एनएचएम के निदेशक युगल किशोर पंत, आईएमए के अध्यक्ष डॉ अजय खन्ना, सीएमआई के चेयरमैन डॉ आरके जैन, डॉ महेश कुडियाल, डॉ अरविंद ढाका, डॉ डीडी चौधरी, डॉ अजीत गैरोला, डॉ सिद्धार्थ गुप्ता, डॉ संजय गोयल, डॉ कृष्ण अवतार, डाॅ प्रवीण मित्तल, डॉ शनवीर बामरा आदि उपस्थित थे।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में कोरोना वायरस की जांच के लिए सरकार ने पहले मेडिकल कालेज हल्द्वानी को सैंपल जांच की मान्यता दी है। फिर त्रिवेंद्र सरकार ने सैंपल जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अब एम्स ऋषिकेश,ओर आईआईपी में लैब स्थापित करने को मंजूरी दी थी इसके अलावा प्राइवेट और न ही किसी अन्य सरकारी अस्पतालों की लैब में कोरोना सैंपल की जांच अभी जा सकती है।
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिदिन सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
लेकिन सैंपलों की जांच रिपोर्ट में अभी तक चार से पांच दिन का समय लग रहा है। वही श्री महंत इंद्रेश अस्पताल,ने भी सैंपल जांच सुविधा के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है।
सूत्र कहते है कि सैंपलों की रिपोर्ट आने में हो रही देरी को देखते हुए त्रिवेन्द्र सरकार देहरादून मै भी नए लैब स्थापित करने को मंजूरी दे सकती है।

वही
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की ओर से कोरोना सेंपलों की जाँच के लिये तेयारिया पूरी की जा चुकी है
बस अब अनुमति मिलने का इंतजार है।