Thursday, April 18, 2024
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हरीश रावत ठंड मैं बल: गैरसैंण मैं रहकर गैरसैंण गैरसैंण बोलते रहे पर देहरादून मैं उनके साथियों ने , गैरसैंण के मुद्दे पर सिर्फ रस्म निभाई !! ओर स्याद वो भी ठीक से नही ।

 

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में इस साल विधानसभा का एक भी सत्र आयोजित न करने और मुख्यमंत्री की ओर से ठंड को इसकी वजह बताए जाने से नाराज होकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहा देहरादून मैं सत्र चला वही बुधवार को रामलीला मैदान में उपवास रखकर विरोध जताया
बता दे कि पूर्व सीएम रावत ने भाजपा सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का जबरदस्त आरोप लगाते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार को जगाने के लिए उन्हें उपवास पर बैठना पड़ा है।
जो जानकारी मिली उसके अनुसार देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, चौखुटिया, स्याल्दे, बागेश्वर, नैनीताल, हल्द्वानी, टिहरी, चमोली, कोटद्वार से गैरसेंण आए सैकड़ों कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ने ढोल नगाड़े बजाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ वे सभी रामलीला मैदान में पहुंचे।


पूर्व सीएम रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने यहा सत्र ना कराने का जो निर्णय लिया, उससे इस सरकार ने गैरसैंण के प्रति अपनी नकारात्मक सोच को भी उजागर कर दिया है।


मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में ठंड की बात कहकर हमारे उत्तराखंडी और हिमालयी स्वभाव पर चोट की है।
हरीश रावत बोले कि ठंड हमारी नियति और जीवन का सार है। सीएम ‘गैरसैंण में ठंड लगती है’ संबंधी अपने बयान पर जब तक माफी नहीं मांगते, तब तक उनका ये संघर्ष जारी रहेगा।
हरीश रावत ने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने गैरसैंण में एक भी ईंट नहीं लगाई। उनके शासनकाल में गैरसैंण में विकास के जितने काम हुए थे, भाजपा सरकार उससे एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। ‘मेरा गांव मेरी सड़क, मेरा वृक्ष मेरा धन’ जैसी लाभकारी योजनाएं भाजपा सरकार द्वारा बंद कर दी गई है। जिला विकास प्राधिकरण को सरकार ने माल खींचो प्राधिकरण बना दिया है।
जानकारी अनुसार इस उपवास कार्यक्रम में पूर्व विधायक सरिता आर्य, गणेश गोदियाल, डॉ. जीतराम, मदन बिष्ट, ललित फर्स्वाण, मनोज तिवारी, डॉ. एपी मैखुरी, राजेंद्र भंडारी, मनीष खंडूड़ी, किरन बिष्ट, करिश्मा, पृथ्वीपाल चौहान, सुरेंद्र बिष्ट, सुरेश बिष्ट, मुकेश नेगी, बीरेंद्र रावत, हरिकृष्ण भट्ट, कमल रावत, केएस बिष्ट, देवीदत कुनियाल, धनीराम भी शामिल हुए।


तो इस पूरे धरने उपवास के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भी जमकर भाजपा सरकार की आलोचना की ओर कहा कि साल 2022 में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर गैरसैंण ही राज्य की राजधानी होगी।
इस उपवास कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुकदमा झेल रहे आंदोलनकारियों का भी माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं को कुचला नहीं जा सकता। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण कर गैरसैंण के विकास के लिए संकल्प लिया। ओर 5 तारीख को देहरादून मैं भी हरीश रावत उपवास मैं विधानसभा के बाहर बैठे नज़र आएंगे।
बहराल हरीश रावत जी आप भले ही ठंड मैं गैरसैंण मैं रहकर गैरसैंण गैरसैंण बोलते रहे पर देहरादून मैं आपके नेताओ ने , साथियों ने ,गैरसैंण के नाम पर गैरसैंण के मुद्दे पर सिर्फ
रस्म निभाई !! ओर स्याद वो भी ठीक से नही ।

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