Friday, March 29, 2024
Homeउत्तराखंडनौकरी से निकाला तो पूर्व 108 के कर्मचारियों ने भीख मांगकर...

नौकरी से निकाला तो पूर्व 108 के कर्मचारियों ने भीख मांगकर किया प्रदर्शन, ओर भीख मै मिले  पूरे 1108 रुपये!

नौकरी से निकाला तो 108 के कर्मचारियों ने भीख मांगकर किया प्रदर्शन, ओर भीख मै मिले  पूरे 1108 रुपये!

आपको बता दे कि आपातकालीन सेवा 108 के पूर्व कर्मचारियों ने आज सड़क पर भीख मांगकर प्रदर्शन किया। ओर फिर आंदोलनकारी कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक लगातार नारे लगाते लगाते भीख मांगी। जिसके बाद उन कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
आपको बता दे कि अब 108 सेवा का संचालन कैंप कंपनी को दिए जाने के बाद से पूर्व 108 के कर्मचारी 30 अप्रैल से परेड ग्राउंड में धरना पर्दशन कर रहे है। ओर पूरे उत्तराखंड से इन लोगो की सख्या लगभग 717 है मतलब ये वो 108 के कर्मचारी हैं, जो आज काम से आऊट है। वही ये लोग नई कंपनी में वेतन समेत समायोजित किए जाने की मांग पर अड़े हुये है । पर कई स्तरों पर बातचीत के बाद भी सरकार ने अब तक कोई निर्णय इनके संबंध में नहीं लिया है। इसी बात से नाराज कर्मचारी अब तरह तरह से अपने आंदोलन को रंग दे रहे है जिसमे विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी अब इनके समर्थक मै कूद गई है ।
आपको बता दे कि बुधवार को इन कर्मचारियों को भीख मांगने की अनुमति नहीं मिली थी, मगर गुरुवार को अनुमति मिलने के बाद इन सभी पूर्व कर्मचारियों ने जुलूस की शक्ल में रैली निकालते हुए भीख मांगी। बस फिर क्या था हर आने जाने वाले को रोककर कुछ न कुछ मांग रहे थे। वही फिर इसके बाद ये पूर्व 108 के कर्मचारी जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे, लेकिन उनके अनुपस्थित होने के चलते उपजिलाधिकारी सदर कमलेश मेहता ने उनकी बात को सुना।
वही पूर्व 108 के कर्मचारियों ने उन्हें मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगे है जिसमे नई कंपनी में समायोजित करने, कर्मचारियों को पूर्व की भांति लोकेशन के आधार पर नियुक्ति देने और पूर्व की तरह ही वेतन व भत्ता दिए जाने की मांग शामिल है। आपको बता दे कि कर्मचारियों का यह आंदोलन 108 व खुशियों की सवारी कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन जमलोकी के नेतृत्व में हुआ।
आपको ये भी बता दे कि आज कर्मचारियों ने जो भीख मांगकर आंदोलन चलाया उसमें कुल उन्हें 1,108 रुपये इकट्ठा हुए।
बहराल अब देखना ये होगा कि अब जीरो टालरेंस वाली सरकार इन पूर्व 108 कर्मचारियों के लिए क्या रास्ता तलाशती है।
कोई कुछ भी कहे मगर आज तक राज्य मे 108 के काम का जो भी नाम हुवा अच्छा या बुरा वो इनकी वजह से ही हुआ है ओर कम नही होते ज़िन्दगी के 10 साल जो इन लोगो ने 108 को दिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments