ऋषिकेश: तीर्थनगरी और आसपास क्षेत्र में सीवर पुनर्गठन योजना का काम अगले वर्ष मई से शुरू हो जाएगा। जर्मन सरकार ने उत्तराखंड को इसके लिए बारह सौ करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
जिसमें 347 करोड़ रुपये सीवर लाइन परियोजना के लिए ऋषिकेश में खर्च होगा। भारत में जर्मन के डिप्टी एंबेसडर डा. वीक के साथ 17 सदस्यीय दल ने योजना में आने वाले प्रस्तावित स्थलों का मौका मुआयना किया। नगरपालिका परिषद द्वारा प्रस्तावित सिटी सेनिटेशन प्रोजेक्ट पर जर्मन सरकार की संस्था जीआइजेड पहले ही अपनी सहमति दे चुकी है।
भारत में जर्मन के डिप्टी एंबेसडर डा. वीक और सहयोगी संस्थाओं के अधिकारी इस संबंध में पालिका और सिटी सेनिटेशन टास्क फोर्स के साथ बैठक कर चुके हैं। पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने बताया कि ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र में सीवरेज योजना पुनर्गठन के लिए भेजे गए प्रस्ताव को जर्मन सरकार की ओर से संस्था जीआईजेड मंजूरी दे चुकी है।
सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट से जुड़ी योजना अभी प्रस्तावित है। इस सीवर योजना को जर्मन की संस्था केएफडब्ल्यू वित्तीय सहयोग देगी। उत्तराखंड में सीवर पुनर्गठन योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये पूर्व में ही स्वीकृत कर दिए गए थे। जिसमें 347 करोड़ रुपये ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र के लिए मंजूर हुआ है।
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि सीवर लाइन प्रोजेक्ट में जितने भी ¨बदू उल्लेखित थे उनका टीम ने मौके पर मुआयना किया। उम्मीद है कि अगले वर्ष मई से इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। टीम में जर्मन आर्थिक एवं विकास मंत्रलय के प्रतिनिधि डा. क्लाइन, मूलर हॉफस्टेड, जीआईजेड भारत के निदेशक डायरेक्टर डा. अलरीक रिवायर, कार्यक्रम निदेशक तांजा फैल्डमैन, परियोजना निदेशक एसजीआर मार्टीना बुर्कार्ड, अंजना पंत, सत्या घोष, वरिष्ठ सलाहकार एसएनयूएसपी वैशाली नंदन, तकनीकी विशेषज्ञ साक्षी दासगुप्ता, मेराजुद्दीन अहमद, केएफडब्ल्यू की डा. सिल्क पॉलविट्ज, गेरहार्ड नॉल, निल्स मेदेनबाश, पास्कल सावेद्रा लक्स शामिल रहे।जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: तीर्थनगरी और आसपास क्षेत्र में सीवर पुनर्गठन योजना का काम अगले वर्ष मई से शुरू हो जाएगा।